तू मंजिल नहीं, असल में जिंदगी है, जिसे जीना भूल गए हम। तू मंजिल नहीं, असल में जिंदगी है, जिसे जीना भूल गए हम।
यह मिथ्या है यह जीवन क्षण भंगुर है। यह मिथ्या है यह जीवन क्षण भंगुर है।
हम हमेशा की तरह खामोशी पकड़ सुनते रहे। हम हमेशा की तरह खामोशी पकड़ सुनते रहे।
नन्हे से कदम है मेरे। नन्हे से कदम है मेरे।
भीड़ भरी या सुनसान मिलेंगे जंगल कस्बा या शहर दिल में उफान लेंगे समुद्र की लहरें भीड़ भरी या सुनसान मिलेंगे जंगल कस्बा या शहर दिल में उफान लेंगे समुद्र की ...
ये तेरे प्यार का है असर, तू मेरा सोलमेट, मैं तेरा हमसफर। ये तेरे प्यार का है असर, तू मेरा सोलमेट, मैं तेरा हमसफर।